EPFO-Pension-Scheme: प्राइवेट नौकरी से रिटायरमेंट बाद भी मिलता है पेंशन, जानें कितना:
EPFO पेंशन: प्राइवेट नौकरी से रिटायरमेंट के बाद भी मिलती है पेंशन, जानें कितना
EPFO पेंशन की सबसे खास बात
इस स्कीम के तहत 58 साल के कर्मचारी को पेंशन मिलती है। हालांकि, आप Early Pension का विकल्प चुनकर 50 साल की उम्र में भी पेंशन का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन इसमें 4% की कटौती होती है।
प्राइवेट नोकरी में पेंशन का पैसा
EPFO के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12% हिस्सा जमा करना होता है। इतनी ही राशि कंपनी भी उनके खाते में जमा करती है। कंपनी की राशि दो हिस्सों में बंट जाती है: 8.33% EPS (पेंशन स्कीम) में और 3.67% EPF (प्रॉविडेंट फंड) में।
क्या सभी कर्मचारियों को EPFO पेंशन मिलती है
इस स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद किसी कर्मचारी को तभी पेंशन मिलती है, जब उसने EPS में कम से कम 10 साल तक योगदान किया हो। मतलब, उसे 10 साल तक नौकरी करनी होती है। इसके अलावा, अधिकतम पेंशनेबल सर्विस 35 साल की है।
रिटायरमेंट के बाद कितनी पेंशन मिलेगी
पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला:
EPS (पेंशन) = औसत सैलरी x पेंशनेबल सर्विस / 70
इस फॉर्मूले में औसत सैलरी का मतलब है बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता, जबकि पेंशनेबल सर्विस का मतलब है आपने जितने साल नौकरी की है। मान लीजिए, आपकी औसत सैलरी 20,000 रुपए है और आपने 35 साल तक नौकरी की है तो आपको 20,000 x 35 / 70 = 10,000 रुपए मंथली पेंशन मिलेगी। ध्यान दें कि यह फॉर्मूला 15 नवंबर, 1995 के बाद काम करने वाले कर्मचारियों के लिए है। इससे पहले वालों पर अलग नियम लागू होते हैं।
बिजनेस डेस्क: प्राइवेट नौकरी से रिटायर होने के बाद भी पेंशन की सुविधा मिलती है। EPFO की पेंशन स्कीम से आपका बुढ़ापा आसानी से कट सकता है। कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत हर महीने एक निश्चित राशि जमा होती रहती है, जिस पर सरकार ब्याज भी देती है। रिटायरमेंट तक यह राशि एक बड़ा फंड (EPFO Pension Scheme) बन जाती है, जिससे भविष्य में पैसों की चिंता नहीं रहती और जिंदगी के आखिरी कुछ साल सुकून से गुजरते हैं। आइए जानते हैं इस स्कीम से आपको कितनी पेंशन मिल सकती है