भाजपा ने आरोप लगाया है कि AAP सरकार ने आपराधिक लापरवाही की है और उन्होंने इस मामले पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को आरोप लगाया कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए केंद्र से प्राप्त विशेष धनराशि का सही तरीके से उपयोग नहीं किया है। भाजपा ने इस मामले पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है.
दिल्ली में विपक्षी दल के नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह विफलता केजरीवाल सरकार की ‘आपराधिक लापरवाही’ का प्रमाण है। आरोपों के जवाब में आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया और पूछा कि केंद्र सरकार दिल्ली के हिस्से की राशि क्यों रोक रही है।
दिल्ली भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी नेताओं ने मांग की कि दिल्ली सरकार को पिछले साढ़े नौ वर्षों में प्रदूषण नियंत्रण पर किए गए कार्यों का विवरण देते हुए एक श्वेत पत्र पेश करना चाहिए।
दक्षिणी दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, ‘यह सिर्फ भाजपा का आरोप नहीं है, बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट है कि दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है।’
उन्होंने यह भी कहा कि शीर्ष अदालत ने माना है कि दिल्ली में प्रदूषण के दो सबसे बड़े कारण ‘पूरी तरह से अव्यवस्थित’ परिवहन प्रणाली और सड़कों की धूल हैं। बिधूड़ी ने दावा किया कि दिल्ली में एकमात्र स्मॉग टावर सक्रिय नहीं है और उसका रखरखाव भी नहीं किया गया है।
नई दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत दिल्ली सरकार को 742.69 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, लेकिन केजरीवाल सरकार ने इसका केवल 29.5 प्रतिशत ही खर्च किया है। उन्होंने सरकार से पूछा कि शेष 70 प्रतिशत राशि का उपयोग क्यों नहीं किया गया।
स्वराज ने आरोप लगाया कि आने वाले महीनों में दिल्ली ‘गैस चैंबर’ में तब्दील हो जाएगी, लेकिन इसकी तैयारी करने के बजाय आम आदमी पार्टी के मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करने में व्यस्त हैं।
भाजपा नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि मानसून के मौसम के कारण दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर आमतौर पर जुलाई और अगस्त में सबसे अच्छा होता है, लेकिन आज AQI का स्तर 164 है। इससे यह चिंता उत्पन्न होती है कि दिसंबर में यह स्तर कैसा होगा।
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा कि दिल्ली सरकार लगातार प्रदूषण कम करने पर काम कर रही है और यहां तक कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने भी संसद में स्वीकार किया है कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण में 31 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
AAP ने एक बयान में कहा, ‘केंद्र सरकार ने केंद्र के करों में से दिल्ली का हिस्सा रोक दिया है। जब हमने करों में 2.07 लाख करोड़ रुपए का भुगतान करने वाले दिल्लीवासियों के लिए उचित हिस्सेदारी की मांग की, तो भाजपा ने निराधार आरोपों के साथ जवाब दिया। एक बार फिर केंद्र ने अपने सौतेले व्यवहार का प्रदर्शन किया।’