बच्चों में फैलने वाला चांदीपुरा वायरस क्या है? इससे कैसे बचें
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, चांदीपुरा एन्सेफलाइटिस एक वायरस है। इसका पता पहली बार 1965 में नागपुर क्षेत्र के चांदीपुरा इलाके में मरीजों के रक्त सैंपल की जांच में लगाया गया था। इसलिए इसका नाम चांदीपुरा पड़ा। यह वायरस रेत मक्खी के काटने से फैलता है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण:
- तेज बुखार
- उल्टी और दस्त
- सिरदर्द और बेहोशी
- मस्तिष्क का दौरा
कैसे फैलता है चांदीपुरा वायरस:
चांदीपुरा वायरस रेत मक्खी के काटने से फैलता है। यह वायरस मानसून के दौरान अधिक सक्रिय होता है, जब वायुमंडल में नमी के चलते मक्खियों, मच्छरों और कीड़ों का प्रकोप बढ़ जाता है।
कैसे बचें:
- मच्छरों और मक्खियों से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें।
- बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाएं।
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
- बच्चों को साफ-सुथरा रखें और समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराएं।
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