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एमपी न्यूज़: इसरो के सहयोग से एमपी के सभी संभागों में आयोजित होंगे विज्ञान मेले, स्पेस ऑन व्हील्स बसें देंगी तकनीकी जानकारी

एमपी न्यूज़: इसरो के सहयोग से एमपी के सभी संभागों में आयोजित होंगे , स्पेस ऑन व्हील्स बसें देंगी तकनीकी जानकारी

अगस्त महीने में मध्य प्रदेश के सभी संभागों में विज्ञान मेलों का आयोजन किया जाएगा। इन मेलों में स्पेस ऑन व्हील्स बसें इसरो की तकनीकों का प्रदर्शन करेंगी।

मध्य प्रदेश में विद्यार्थियों को विज्ञान के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराने के उद्देश्य से इसरो के सहयोग से अगस्त माह में प्रदेश के सभी संभागों में विज्ञान मेलों का आयोजन किया जाएगा। इन मेलों का आयोजन मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मैपकास्ट) द्वारा किया जा रहा है। इनमें इसरो की स्पेस ऑन व्हील्स बसें भी शामिल होंगी, जो इसरो की तकनीकों का प्रदर्शन करेंगी। ये मेले प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों में आयोजित होंगे।

विज्ञान मेलों का उद्देश्य
मैपकास्ट के वैज्ञानिकों का कहना है कि विज्ञान मेले जिज्ञासा, आलोचनात्मक सोच और व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देकर शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मैपकास्ट के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी का कहना है कि ये मेले छात्रों को कक्षा से बाहर वैज्ञानिक अवधारणाओं का पता लगाने का अवसर प्रदान करते हैं, उन्हें प्रश्न पूछने, प्रयोग करने और स्वतंत्र रूप से परिणामों का विश्लेषण करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से छात्र अनुसंधान, संचार और समस्या-समाधान जैसे महत्वपूर्ण कौशल विकसित करते हैं।

कॉलेज परिसरों में दो दिन का आयोजन
विज्ञान मेले मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग और तकनीकी शिक्षा विभाग के सहयोग से मॉडल कॉलेज परिसरों में दो दिन के लिए आयोजित किए जाएंगे। राज्य सरकार की पहल पर यह मेले पहली बार आयोजित किए जा रहे हैं, जो विद्यार्थियों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी उपयोगी होंगे। इन मेलों में अंतरिक्ष विज्ञान पर केंद्रित गतिविधियां, संवाद सत्र और प्रतियोगिताएं होंगी। तिथि और स्थान के निर्धारण के लिए 18 अगस्त को एक बैठक होगी।

12 साल बाद मप्र में नेशनल चिल्ड्रन कांग्रेस
अगस्त माह में भोपाल में नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस का आयोजन भी किया जाना था, लेकिन अपरिहार्य कारणों से केंद्र सरकार ने इसकी तिथि आगे बढ़ा दी है। यह आयोजन अब नवंबर में होगा। यह आयोजन 12 साल बाद मप्र में हो रहा है और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से रवींद्र भवन में आयोजित किया जाएगा। दोनों आयोजनों की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

 मुख्य आकर्षण
डॉ. कोठारी ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार की ओर से नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस का आयोजन हर वर्ष किया जाता है। पिछले साल यह आयोजन गांधी नगर, गुजरात में हुआ था। 12 साल बाद इसकी मेजबानी का अवसर मप्र को मिला है। पहले यह 28 से 31 अगस्त को होनी थी, लेकिन अब दीपावली के बाद होगी। नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस में देशभर के 30 प्रदेशों से राज्य स्तर पर चयनित बच्चों के मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे। पूरे देश से आठ सौ बच्चे इसमें भाग लेंगे। प्रदर्शन, संवाद और पुरस्कार कांग्रेस के मुख्य आकर्षण होंगे।


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